राजस्थान का नामकरण: राजस्थान भूगोल नोट्स और महत्त्वपूर्ण MCQs

Rajasthan ka Naamkaran: राजस्थान का नामकरण कैसे हुआ? जानिए परीक्षापयोगी तथ्य, प्राचीन व आधुनिक नामों की सूची और Rajasthan GK से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न।

राजस्थान का नामकरण: राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य, न सिर्फ अपने विशाल रेगिस्तान और ऐतिहासिक किलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके नामकरण का इतिहास भी उतना ही रोचक और गहराई लिए हुए है। इस अर्टिकल में हम जानेंगे कि राजस्थान को विभिन्न कालों में किन-किन नामों से जाना गया?, उन नामों के पीछे के ऐतिहासिक साक्ष्य क्या हैं, और साथ ही अंत में परीक्षा उपयोगी महत्त्वपूर्ण MCQs भी शामिल किए गए हैं।

राजस्थान के नामों का ऐतिहासिक विकास

राजस्थान का नाम किसी एक दिन में नहीं रखा गया। यह एक युगों लंबी प्रक्रिया थी जिसमें भौगोलिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक बदलावों के साथ यह क्षेत्र कई नामों से पहचाना गया। स्वतंत्रता से पहले तक यह एक संगठित राज्य नहीं था, बल्कि कई रियासतों का समूह था।

1. मरुकांतार

  • प्रणेता: महर्षि वाल्मीकि
  • संदर्भ: रामायण
  • विवरण: वाल्मीकि ने इस क्षेत्र को “मरुकांतार” कहा, जो इसके रेगिस्तानी भूभाग को दर्शाता है।
  • अर्थ – मरुस्थल का कांतार (प्रदेश)।
"रामायण में हमारे प्रदेश का नाम 'मरुकांतार' मिलता है, और यह नाम महर्षि वाल्मीकि द्वारा दिया गया था।"

2. राजपूताना

  • प्रणेता: जॉर्ज थॉमस
  • काल: 1800 ईस्वी
  • महत्व: सर्वप्रथम इस क्षेत्र को ‘राजपूताना‘ कहा गया।
  • पुष्टि: विलियम फ्रेंकलिन की पुस्तक Military Memoirs of Mr. George Thomas (1805) में भी यह उल्लेख मिलता है।
"राज्य के लिए 'राजपूताना' नाम सर्वप्रथम जॉर्ज थॉमस ने 1800 ईस्वी  में  दिया था।"

3. राजस्थान / रजवाड़ा

  • प्रणेता: कर्नल जेम्स टॉड
  • काल: 1829 ईस्वी
  • महत्व: उन्होंने ‘राजस्थान’ और ‘रजवाड़ा’ दोनों नामों का प्रयोग किया।
  • उनकी पुस्तक Annals and Antiquities of Rajasthan (1829) में पहली बार इस नाम को एक भौगोलिक-पहचान के रूप में दर्ज किया गया।
कर्नल टॉड को "राजस्थान इतिहास का जनक" भी कहा जाता ह

राजस्थान शब्द का प्राचीनतम उल्लेख

  • शिलालेख: बसंतगढ़ शिलालेख (सिरोही जिले के खीमल माता मंदिर में)
  • काल: 682 विक्रम संवत
  • उल्लेख: ‘राजस्थानीयादित्य’
  • महत्व: यह नामकरण का सबसे प्राचीन लिखित प्रमाण माना जाता है।

“बसंतगढ़ शिलालेख में ‘राजस्थानीयादित्य’ शब्द का प्रयोग हुआ, जो कर्नल टॉड के राजस्थान नाम को ऐतिहासिक पुष्टि देता है।”

राजस्थान से जुड़े प्रमुख दिवस

दिवसतिथि
राजस्थान दिवस30 मार्च
राजस्थान स्थापना दिवस1 नवंबर

स्थानीय क्षेत्रों के प्राचीनकाल नाम:

प्राचीन नामआधुनिक स्थान/क्षेत्रविशेष विवरण
कुरु जांगलाःबीकानेर क्षेत्रमहाभारत कालीन नाम
माद्रेय जांगलाःजोधपुर क्षेत्रमहाभारत कालीन नाम
कुरु, मत्स्य, शूरसेनअलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौलीमहाभारत काल के राज्य
शिवि, मेदपाट, प्रग्वाटउदयपुर (मेवाड़)मेदपाट → मेवाड़
ऊपरमालभैंसरोड़गढ़ से बिजोलिया तक (मेवाड़)पर्वतीय क्षेत्र
भौरात का पठारगोगुंदा, धरियावद, राजसमंद, कुंभलगढ़पठारी क्षेत्र
व्याघ्रवाट, वागड़डूंगरपुर, बांसवाड़ादक्षिणी राजस्थान
भौमटडूंगरपुर, पूर्वी सिरोही, उदयपुरपर्वतीय क्षेत्र
मालव प्रदेशझालावाड़, छबड़ा, पिड़ावा, सिरोंजमालवा का हिस्सा
मेवातअलवर क्षेत्रमेव जाति पर आधारित
कांठलप्रतापगढ़ (माही नदी के पास)नदी के आसपास का क्षेत्र
छप्पनप्रतापगढ़-बांसवाड़ा के बीचक्षेत्रीय उपनाम
सपादलक्ष, शाकंभरीसांभर, अजमेरचौहानों की राजधानी
हाड़ौतीकोटा, बूंदीहाड़ा चौहानों द्वारा शासित
अहिच्छत्रपुर, श्वाळकनागौरप्राचीन नाम
भटनेरहनुमानगढ़भाटी शासकों द्वारा शासित
थली / उत्तरी मरुभूमिबीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरूरेगिस्तानी क्षेत्र
ढूंढाड़जयपुर क्षेत्रमिट्टी के ढूहों की अधिकता
पंचपाना, शेखावाटीसीकर, झुंझुनूं, खेतड़ी, चूरूराव शेखा के वंशजों की पांच शाखाएं
मरु, मरुधर, मारवाड़ आदिजोधपुर क्षेत्रमरुस्थलीय क्षेत्र
गुर्जरात्र, सारस्वत क्षेत्रडीडवाना से जालोरगुर्जर संस्कृति का प्रभाव
अर्बुद देशसिरोहीआबू पर्वत क्षेत्र
श्रीमालभीनमालसंस्कृत नाम
माड़, वल्ल, दुंगलजैसलमेर क्षेत्रजैसलमेर राज्य के प्राचीन नाम
नवकोटि मारवाड़आबू से जालोर, बाड़मेर, जोधपुर तकविस्तृत राजपूत क्षेत्र
गोड़वाड़जालोर, पाली, बाड़मेरलूनी नदी बेसिन
मालानीबाड़मेरमल्लीनाथ राठौड़ का क्षेत्र
मेरवाड़ामारवाड़-मेवाड़-अजमेर की सीमामेर जाति का निवास क्षेत्र

राजस्थान का नामकरण Quiz

राजस्थान का नामकरण

Rajveer Kamboj

मैं Rajveer Kamboj, एक शिक्षा-प्रेमी ब्लॉगर हूँ जो वर्ष 2019 से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ। मेरे पास M.Sc. और B.Ed. की डिग्रियाँ हैं। इसके अलावा मैंने RS-CIT कोर्स किया है तथा CTET (127/150) और REET (129/150) जैसी प्रमुख पात्रता परीक्षाएँ भी उत्तीर्ण की हैं।पिछले 6 वर्षों में मैंने कई प्रमुख एजुकेशनल ब्लॉग्स पर काम किया है और विशेष रूप से Latest Govt Jobs, Results, Admit Cards, Syllabus और सरकारी योजनाओं पर लेखन का गहरा अनुभव प्राप्त किया है।मेरा उद्देश्य है कि मेरे द्वारा साझा की गई जानकारी विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए उपयोगी सिद्ध हो और वे अपने शिक्षा एवं सरकारी नौकरी के सपनों को साकार कर सकें।

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